निगम को बसें चलाना बना आफत

चंबा। एचआरटीसी को बसें चलाना अब आफत बन गया है। पहले निगम की खटारा बसें खूब डीजल पी रही थीं, इस वजह से निगम को घाटा हो रहा था। अब डीजल के दाम बढ़ जाने से निगम का घाटा बढ़ता ही जा रहा है। निगम को 3 से 4 रुपये तक प्रति किलोमीटर घाटा हर रूट पर हो रहा है। इस वजह से निगम को 108 रूटों पर बसें चलाने में काफी परेशानी पेश आ रही है। पहले निगम की खटारा बसें दो से तीन लीटर ज्यादा तेल पी रही थीं। इस वजह से भी निगम को प्रति किलोमीटर के हिसाब से खूब घाटा हुआ है। बसों में तेल डलवाने में साढ़े 10 रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा घाटा अब निगम को लांग रूट की बसों में हो रहा है। वहीं, अब निगम घाटे वाले आधा दर्जन के करीब रूटों पर बसें भेजना बंद कर सकता है। निगम को आधा दर्जन रूटों पर पहले ही काफी घाटा हुआ है। निगम के डिपो में 40 के करीब पुरानी बसें नई बसों के मुकाबले काफी तेल की खपत कर रही हैं। डिपो में अतिरिक्त बसें न मिलने के कारण निगम को पुरानी बसों को ही अलग-अलग रूटों पर भेजना पड़ रहा है। अब डीजल के दाम बढ़ जाने से निगम को दो से तीन रुपये तक घाटा हो रहा है।
एचआरटीसी के वर्कर्स इंजीनियर शुगल शर्मा ने बताया कि डीजल के रेट बढ़ने से तीन से चार रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस वजह से घाटे वाले रूटों पर बसें भेजने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी बसें भी ज्यादा तेल पी रही हैं अब डीजल के दाम बढ़ जाने से निगम को काफी घाटा हो रहा है।

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